कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं इसकी जांच के लिए पंजाब सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी ने राज्य में किसानों की आत्महत्याओं के पीछे कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके चेयरमैन सुखजिंदर सिंह सरकारिया होंगे। इसमें दो सदस्य कांग्रेस, एक आम आदमी पार्टी और एक अकाली दल का होगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान 19 जून को ऐसी कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार करते हुए स्पीकर ने कमेटी का गठन किया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पहली किस्त के रूप में बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके बावजूद किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े तीन माह के दौरान 100 के करीब किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
वहीं, राज्य में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विधानसभा कमेटी आत्महत्या करने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्यों को निजी तौर पर मिलकर कारण का पता लगाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए सुझाव देगी। कमेटी खेत मजदूरों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के अलावा कर्ज के कारण आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के लिए सुझाव देते हुए रिपोर्ट पेश करेगी।
कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं इसकी जांच के लिए पंजाब सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी ने राज्य में किसानों की आत्महत्याओं के पीछे कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके चेयरमैन सुखजिंदर सिंह सरकारिया होंगे। इसमें दो सदस्य कांग्रेस, एक आम आदमी पार्टी और एक अकाली दल का होगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान 19 जून को ऐसी कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार करते हुए स्पीकर ने कमेटी का गठन किया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पहली किस्त के रूप में बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके बावजूद किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े तीन माह के दौरान 100 के करीब किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वहीं, राज्य में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विधानसभा कमेटी आत्महत्या करने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्यों को निजी तौर पर मिलकर कारण का पता लगाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए सुझाव देगी। कमेटी खेत मजदूरों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के अलावा कर्ज के कारण आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के लिए सुझाव देते हुए रिपोर्ट पेश करेगी।nnnn
कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं इसकी जांच के लिए पंजाब सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी ने राज्य में किसानों की आत्महत्याओं के पीछे कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके चेयरमैन सुखजिंदर सिंह सरकारिया होंगे। इसमें दो सदस्य कांग्रेस, एक आम आदमी पार्टी और एक अकाली दल का होगा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान 19 जून को ऐसी कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार करते हुए स्पीकर ने कमेटी का गठन किया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पहली किस्त के रूप में बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके बावजूद किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े तीन माह के दौरान 100 के करीब किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
वहीं, राज्य में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विधानसभा कमेटी आत्महत्या करने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्यों को निजी तौर पर मिलकर कारण का पता लगाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए सुझाव देगी। कमेटी खेत मजदूरों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के अलावा कर्ज के कारण आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के लिए सुझाव देते हुए रिपोर्ट पेश करेगी।
कर्ज माफी की घोषणा के बावजूद किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं इसकी जांच के लिए पंजाब सरकार ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी ने राज्य में किसानों की आत्महत्याओं के पीछे कारणों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। इसके चेयरमैन सुखजिंदर सिंह सरकारिया होंगे। इसमें दो सदस्य कांग्रेस, एक आम आदमी पार्टी और एक अकाली दल का होगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बजट सत्र के दौरान 19 जून को ऐसी कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकार करते हुए स्पीकर ने कमेटी का गठन किया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए पहली किस्त के रूप में बजट में 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके बावजूद किसान आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े तीन माह के दौरान 100 के करीब किसान आत्महत्या कर चुके हैं। वहीं, राज्य में इस बात की भी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कर्ज के कारण ही किसान आत्महत्या कर रहे हैं। विधानसभा कमेटी आत्महत्या करने वाले किसानों के पारिवारिक सदस्यों को निजी तौर पर मिलकर कारण का पता लगाएगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए सुझाव देगी। कमेटी खेत मजदूरों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के अलावा कर्ज के कारण आर्थिक तंगी से बाहर निकालने के लिए सुझाव देते हुए रिपोर्ट पेश करेगी।

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